
अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया AI171 ड्रीमलाइनर विमान हादसे ने सिर्फ आसमान में तबाही नहीं मचाई — इसने ज़मीन पर भी बाजारों की नींव हिला दी। बोइंग कंपनी, जो इस फ्लाइट का निर्माता है, उसकी शेयर कीमतों में अमेरिकी प्री-मार्केट में 8% की तेज गिरावट देखी गई। उधर भारतीय शेयर बाजार ने भी इस हादसे पर तीखी प्रतिक्रिया दी, जिससे निवेशकों के अरबों रुपये डूब गए।
ड्रीमलाइनर 51 सेकंड में ढेर! हादसा या हलफनामा साजिश का?
बोइंग शेयर धड़ाम: 12 अरब डॉलर की एक झटके में उड़ी वैल्यू
“कभी ड्रीमलाइनर बोइंग का गर्व था, अब वही चिंता का कारण बन गया है!”
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बुधवार को अमेरिकी बाजार बंद होते समय बोइंग के शेयर 214 डॉलर पर थे।
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गुरुवार के प्री-मार्केट में ये 197 डॉलर से नीचे फिसल गए।
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सिर्फ एक दिन में कंपनी का मार्केट कैप 161.36 अरब डॉलर से गिरकर 149 अरब डॉलर पर आ गया।
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यानी लगभग 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक की वैल्यू उड़ गई।
भारत में भी बाजार कांपा: सेंसेक्स में 823 अंकों की गिरावट
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BSE सेंसेक्स 823.16 अंक गिरकर 81,691.98 पर बंद हुआ।
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कारोबार के दौरान यह 81,523.16 तक फिसला — यानी लगभग 1,000 अंकों की गिरावट।
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कई एविएशन और इंश्योरेंस सेक्टर से जुड़े शेयरों में तीव्र बिकवाली देखी गई।
अब आगे क्या हो सकता है?
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बोइंग पर बढ़ेगा दबाव: अगर निर्माण में गड़बड़ी साबित हुई तो वैश्विक स्तर पर FAA और NTSB की सख्ती तय मानी जा रही है।
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शेयर में अस्थिरता: निवेशकों का भरोसा हिला है — अगली तिमाहियों में आत्मविश्वास लौटाना आसान नहीं होगा।
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भारत में भी असर: एयर इंडिया पर दबाव बढ़ेगा, बीमा कंपनियों के दावे बढ़ेंगे और एविएशन सेक्टर में नीतिगत पुनर्विचार संभव है।
सवाल जो जलते धुएं के साथ उठे हैं…
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बोइंग की क्वालिटी पर फिर सवाल क्यों?
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FAA की निगरानी इतनी ढीली कैसे रही?
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भारतीय एविएशन सेक्टर क्या सिर्फ हादसे के बाद ही जागता है?
“क्या हम सिर्फ तकनीक के भरोसे उड़ान भर रहे हैं, और ज़मीन पर भरोसे की नींव खोखली है?”
हादसा जिसने सिर्फ जानें नहीं, पूंजी भी ली
इस विमान में पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी जैसे वीवीआईपी भी सवार थे, और अब देश की आर्थिक सेहत को भी इसकी कीमत चुकानी पड़ रही है। हादसा सिर्फ एक विमान का नहीं था — यह सिस्टम की कमजोरी और कॉर्पोरेट जवाबदेही की पोल खोलने वाला था।
जब एक ड्रीमलाइनर गिरा, तो सपनों के साथ बाजार भी डूब गया
बोइंग की ब्रांड वैल्यू, भारत के एविएशन पर विश्वास, और दोनों देशों के निवेशकों का भरोसा — तीनों को इस एक हादसे ने गहरी चोट दी है। अब आगे की राह पारदर्शिता, जवाबदेही और नियामकीय कठोरता पर टिकी है।
चर्खी दादरी से कोझिकोड और अब अहमदाबाद: भारत के आसमान में फिर मौत